Dadima ke nuskhe for weight loss आर्टिकल में हम जानेगे वजन कम करने के कुछ घरेलु नुस्को के बारे में | यदि आप भी मोटापे से परेशान है ओर अपना वजन कम करना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े |
मोटापा क्या है?
मोटापा आजकल एक सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम बन गया है| The National Family Health Survey (N.F.H.S) ने बताया की भारत में 12.1 % मर्द और 14.8 % औरते या तो overweight है या फिर मोटापे से पीड़ित है |
खपत की गई कैलोरी और उपयोग की गई कैलोरी के बीच असंतुलन के कारण मोटापा और अधिक वजन होता है| वसा कोशिका के आकार में वृद्धि या वसा कोशिका की संख्या में वृद्धि या संयोजन के कारण यह वसा ऊतक की असामान्य वृद्धि की स्थिति है।
सरल शब्दों में, मोटापा कंकाल और मांसपेशियों की आवश्यकता की सीमा से परे वसा ऊतकों का अधिक संचय है। लगभग मोटापा एक वंशानुगत समस्या है लेकिन नियमित आहार में वसायुक्त चीजों के अधिक उपयोग के कारण यह रोग विकसित हो सकता है।
यह एक महत्वपूर्ण पोषण या चयापचय संबंधी विकार है, जहां वसा ऊतक का प्रतिशत ऊर्जा सेवन और ऊर्जा व्यय के असंतुलन में असमान रूप से बढ़ता है। अत्यधिक कैलोरी ग्रहण के साथ आरामदायक जीवन शैली मोटापे का मुख्य कारण है।
मोटापा होने के कारण
निचे दिए गए कारण के द्वारा बहुत अधिक मात्रा मे बलगम बनता है और साथ मे ही यह हमारे मेटाबोलिज्म को डिस्टर्ब भी करते है | ये कारण इस प्रकार से है:
- अधिक मात्रा मे सोना
- वंशानुगत और जन्मजात
- मांस, मीठे व्यंजन जैसे वसायुक्त आहार का अत्यधिक उपयोग
- वसायुक्त तेलों का अत्यधिक उपयोग
- व्यायाम की कमी
- अत्यधिक भोजन करना
- सोने के लिए मुलायम कपड़े और मुलायम बिस्तर
- भोजन के बाद विशेष रूप से अत्यधिक शराब का सेवन
- तुर्की स्नान (हम्माम) विशेष रूप से भोजन के बाद
(सोर्स: http://nhp.gov.in/obesity-saman-e-mufrat-_mtl)
Dadima ke nuskhe for weight loss: मोटापा कम करने के घरेलू उपाय
नीचे दिए गए कुछ dadima ke nuskhe से आप अपना वजन कम कर सकते हो | ये नुस्खे scientifically proven है
1. कलौंजी का सेवन
हर रोज कलौंजी या कलौंजी का तेल इस्तेमाल करने से आप अपना वजन कम कर सकते हो|
एक स्टडी जो की 39 मोटे लोगो पर की गयी, जिसमे की उन्होंने 3 gram कलौंजी के बीज का सेवन किया 3 महीने तक, मे शरीर के वजन में एक बहुत महत्वपूर्ण कमी पाई गयी|
2. त्रिफला का सेवन
त्रिफला मतलब तीन फलो का मिश्रण, ये फल है आँवला, बहेड़ा और हरड़ | त्रिफला में इन तीनों को बीज निकाल कर समान मात्रा में चूर्ण बनाकर कर लिया जाता है।
2017 के वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया कि त्रिफला टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा (blood glucose) के स्तर को कम करने में प्रभावी था। इस अध्ययन मे यह भी पाया गया की त्रिफला के सेवन से प्रतिभागियों का बहुत अधिक वजन भी कम हुआ|
3. एलोवेरा का सेवन
136 लोगों में एक अध्ययन में पाया गया कि 8 सप्ताह के लिए एलोवेरा जेल कॉम्प्लेक्स लेने से शरीर का वजन और शरीर की वसा कम हो जाती है, साथ ही इंसुलिन का उपयोग करने की शरीर की क्षमता में सुधार होता है |
एक गिलास एलोवेरा जूस में 1 चम्मच शहद अच्छे प्रकार से मिलाये| प्रतिदिन इसका सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, पेट ठीक रहता है और अत्यधिक फैट बर्न होता है।
4. सेब के सिरके का सेवन
एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच नींबू का रस अच्छे प्रकार से मिलाये। प्रतिदिन इसका सेवन करने से यह लिवर में जमे फैट को घटाने में मदद करता है।
इसमें पेक्टिन फाइबर होता है जिसके कारण हमे बहुत समय तक यह लगता है कि हमारा पेट भरा हुआ है|
39 लोगों पर 2018 के एक अध्ययन ने 12 सप्ताह तक कम कैलोरी आहार की तुलना में कम कैलोरी आहार और ऐप्पल साइडर सिरका के प्रभाव का विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं ने पाया|जिन प्रतिभागियों ने सेब साइडर सिरका लिया था| उन्होंने अधिक वजन कम किया, उनका कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) था और उनके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में सुधार हुआ|
5. नींबू और शहद का सेवन
एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़े और उसमे एक चमच शहद और चुटकी भर काली मिर्च मिलाकर सेवन करें| काली मिर्च में पाइपरीन (piperine) नामक तत्व होता है जो शरीर में नई वसा कोशिकाओं को जमने नहीं देता|
नींबू में मौजूद एसकोरबिक एसिड (Ascorbic Acid) शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
6. दालचीनी का सेवन
3-6 ग्राम दालचीनी पाउडर लगभग 200 मि.ली. पानी में डालकर 15 मिनट तक उबालें| गुनगुना होने पर छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिला लें। सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले पिएँ।
न्यूट्रिशन रिसर्च जर्नल में प्रकाशित एक छोटे से चीनी अध्ययन में उन रोगियों में दालचीनी के रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करने के प्रमाण मिले हैं, जो उन लोगों के विपरीत हैं, जिन्हें प्लेसबो दिया गया था।
दालचीनी के कारण मधुमेह के रोगियों के कोलेस्ट्रॉल के स्तर मे भी कमी आई।
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