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क्षय रोग, तपेदिक (टीबी) का कारण, लक्षण, और उपचार

क्षय रोग कैसे होता है? (How does tuberculosis occur?)

क्षय रोग (टीबी) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है जो अक्सर फेफड़ों को प्रभावित करते हैं।

क्षय रोग, तपेदिक (टीबी) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के माध्यम से फैलता है। जब फेफड़े के टीबी से ग्रसित लोग खांसते, छींकते और थूकते है, तो वे टीबी के कीटाणुओं को हवा में फैला देते हैं। जब कोई स्वस्थ व्यक्ति इस हवा में साँस लेता है, तो यह कीटाणु साँस के द्वारा उसके शरीर में प्रवेश करके उसे भी संक्रमित कर देते है|

क्षय रोग एक गंभीर रोग है, लेकिन उचित उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है । (R1)

क्षय रोग कितने प्रकार का होता है? (Types of TB in hindi)

तपेदिक (टीबी) को दो श्रेणियों में बांटा जाता है:

1. सक्रिय रोग (Active TB Disease)

2. अव्यक्त संक्रमण (Latent TB Infection)

1. सक्रिय रोग (Active TB Disease):

यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के विभिन्न अंगों पर टीबी के बैक्टीरिया कई गुणा तेजी से आक्रमण करते है। इस बीमारी वाले लोग खांसने छींकने और थूकने से हवा के द्वारा दूसरे लोगो को भी संक्रमित कर सकते है|

सक्रिय टीबी के विशिष्ट लक्षणों में:

  • खांसी,
  • कफ,
  • सीने में दर्द,
  • कमजोरी,
  • वजन में कमी,
  • बुखार,
  • ठंड लगना और रात में पसीना शामिल हैं।

सक्रिय टीबी का सबसे आम रूप फेफड़ों की बीमारी है, लेकिन यह अन्य अंगों को भी संक्रमित कर सकते है |

2. अव्यक्त संक्रमण (Latent TB Infection):

इस बीमारी में टीवी का बैक्टीरिया निष्क्रिय अवस्था में रहता है जिस कारण संक्रमण होता है परंतु कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं| यदि इसका इलाज ना किया जाए तो यह सक्रिय टीबी में बदल सकता है| अव्यक्त संक्रमण का पता लगाने की एकमात्र अभिव्यक्ति ट्यूबरकुलिन त्वचा परीक्षण (TST) या इंटरफेरॉन-गामा रिलीज परख (IGRA) की प्रतिक्रिया है। (R2)

टीवी बीमारी का लक्षण क्या है? (TB Symptoms in hindi)

टीबी रोग के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर में टीबी के जीवाणु कहाँ बढ़ रहे हैं। टीबी के बैक्टीरिया आमतौर पर फेफड़ों (फेफड़े के टीबी) में बढ़ते हैं। फेफड़ों में टीबी की बीमारी जैसे लक्षण हो सकते हैं

  • खांसी जो 3 सप्ताह या उससे अधिक समय तक रहती है
  • सीने में दर्द
  • थूकने पर कफ के साथ खून निकलना (फेफड़े के अंदर से कफ)
  • कमजोरी या थकान
  • वजन घटना
  • भूख न लगना
  • ठंड लगना
  • बुखार विशेष तौर पर शाम को बढ़ने वाला बुखार
  • रात को पसीना आना

शरीर के अन्य हिस्सों में टीबी रोग के लक्षण प्रभावित क्षेत्र पर निर्भर करते हैं। (R3)

क्षय रोग का निदान (Diagnosis of tuberculosis in hindi)

सूक्ष्म दर्शी यंत्र द्वारा बलगम की जांच करना क्षय रोग की पहचान का एक कारगर तरीका है| क्योंकि टीबी के बैक्टीरिया सूक्ष्मदर्शी यंत्र द्वारा आसानी से देखे जा सकते हैं|

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टी.बी रोग के निदान के लिये एक्‍स-रे करवाना, बलगम की जॉंच की अपेक्षा मंहगा तथा कम भरोसेमन्‍द है, फिर भी कुछ रोगियों के लिये एक्‍स-रे व अन्‍य जॉंच जैसे FNAC, Biopsy, CT Scan की आवश्‍यकता हो सकती है।

क्षय रोग का उपचार (Treatment of tuberculosis in hindi)

क्षय रोग का उपचार तथा जांच सरकारी अस्पताल में निशुल्क किया जाता है| उपचार अवधि 6 से 8 माह तक की होती है|

प्रथम 2 से 3 माह तक सप्ताह में तीन बार दवाइयों का सेवन करवाया जाता है वह भी स्वास्थ्य कर्मी की देखरेख में| बाकी के चार -पॉंच माह में रोगी को एक सप्‍ताह के लिये दवाइयां दी जाती है जिसमें से प्रथम खुराक चिकित्‍साकर्मी के सम्‍मुख तथा शेष खुराक घर पर निर्देशानुसार सेवन करने के लिये दी जाती है। नियमित और पूर्ण अवधि तक उपचार लेने पर टी.बी. से मुक्ति मिलती है।

क्षय रोग से बचाव के साधन (prevention from Tuberculosis)

  • बच्चे के जन्म से 1 माह के अंदर बीसीजी का टीका लगवाए
  • क्षय रोग से पीड़ित रोगी खांसते, छींकते वक्त मुँह पर कपडा रखे
  • जगह-जगह न थूके
  • पूर्ण इलाज ही सबसे बडा बचाव का साधन है।

टी.बी रोग विशेषकर (85 प्रतशित) फेंफडों को ग्रसित करता है,  15 प्रतिशत शरीर के अन्‍य अंग जैसे मस्तिष्‍क,  आंतें,  गुर्दे,  हड्डी व जोड इत्‍यादि भी रोग से ग्रसित होते हैं। (R4)

Categories: बीमारियाँ एवं उपचार