Dengue in hindi

डेंगू (dengue in hindi) एक वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी नामक एक विशेष मच्छर के काटने से फैलती है। मनुष्य को एक संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 5 – 6 दिनों के बाद बीमारी विकसित होती है।

यह दो रूपों में होता है: क्लासिकल डेंगू बुखार जिसे “ब्रेक बोन” बुखार और डेंगू हैमोरेजिक फीवर (DHF) भी कहा जाता है, जो जीवन के लिए खतरा है।

Dengue in hindi: machar kaat raha hai

बारिश के मौसम के बाद यह बहुत आम है। यह अत्यधिक संक्रामक है और मच्छर के काटने से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में व्यापक है।

पिछले दो दशकों से भारत में यह एक बहुत ही आम बीमारी है। डेंगू हर किसी को प्रभावित कर सकता है, चाहे उनकी उम्र और लिंग कुछ भी हो। हालांकि, डीएचएफ के प्रकोप के दौरान बच्चों में मौतें आम हैं।

डेंगू कैसे फैलता है? (dengue in hindi)

मलेरिया की तरह डेंगू भी मच्छर के काटने से फैलता है| इस मच्छर को एडीज एजिप्टी कहा जाता है यह बहुत ढीठ और निडर होते हैं यह दिन में भी काट सकते हैं|

डेंगू बुखार से पीड़ित व्यक्ति के रक्त में डेंगू का वायरस बहुत अधिक मात्रा में होता है जब एडिज मच्छर उस व्यक्ति को काटते हैं और उसका खून चूसते हैं|

तो यह वायरस मच्छर की शरीर के अंदर चला जाता है| मच्छर के शरीर में डेंगू वायरस का कुछ और दिनों तक विकास होता है| जब डेंगू वायरस युक्त मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह डेंगू वायरस को उस व्यक्ति के शरीर में पहुंचा देता है|

इस प्रकार वह व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है तथा कुछ दिनों के बाद उसमें डेंगू बुखार रोग के लक्षण प्रकट हो सकते हैं|

डेंगू बुखार के लक्षण (dengue ke lakshan In Hindi)

जिस दिन डेंगू वायरस से संक्रमित कोई मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो लगभग 3 से 5 दिनों बाद ऐसे व्यक्ति में डेंगू बुखार के लक्षण (dengue ke lakshan) प्रकट हो सकते हैं|

यह संक्रमण काल 3 से 10 दिनों तक हो सकता है| डेंगू बुखार का लक्षण (dengue ke lakshan) इस बात पर निर्भर करता है की यह डेंगू बुखार किस प्रकार का है|

क्योंकि डेंगू बुखार तीन प्रकार का होता है:

1. क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार

2.डेंगू हेमरेजिक बुखार (DHF)

3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)

क्लासिकल डेंगू बुखार एक स्वयं ठीक होने वाली बीमारी है तथा इससे मृत्यु नहीं होती है| लेकिन यदि डेंगू हेमरेजिक बुखार (DHF) तथा डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) का तुरंत उपचार शुरू नहीं किया जाता है तो वह जानलेवा सिद्ध हो सकते हैं|

इसलिए यह पहचानना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि साधारण डेंगू बुखार है या डेंगू हेमरेजिक बुखार अथवा डेंगू शॉक सिंड्रोम| निम्नलिखित लक्षणों (dengue ke lakshan) से इन प्रकारों को पहचानने में आपको काफी सहायता मिलेगी

क्लासिकल डेंगू बुखार के लक्षण

  • ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना
  • सिर मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
  • आंखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आंखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है
  • अत्यधिक कमजोरी लगना भूख में बेहद कमी तथा जी मिचलाना
  • मुंह के साथ स्वाद का खराब होना|
  • गले में हल्का दर्द होना
  • बेहद दुखी तथा बीमार महसूस करना
  • शरीर पर लाल चिकत्ते (रैश) होना

साधारण डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5 से 7 दिन तक रहती है और रोगी ठीक हो जाता है अधिकतर मामलों में रोगियों को साधारण डेंगू बुखार ही होता है

2. डेंगू हेमोरेजिक बुखार के लक्षण

यदि साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षणों में से एक भी लक्षण प्रकट होता है तो डेंगू हेमोरेजिक बुखार होने का शक बढ़ जाता है|

  • नाक मसूड़ों से खून आना
  • शौच या उल्टी में खून आना
  • त्वचा पर गहरे नीले काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते

3. डेंगू शॉक सिंड्रोम के लक्षण

इस प्रकार के डेंगू बुखार में डेंगू हेमोरेजिक बुखार के ऊपर बताए गए लक्षणों के साथ-साथ नीचे लिखे गए  लक्षण होते हैं:

  • रोगी अत्यधिक बेचैन हो जाता है और तेज बुखार के बावजूद भी उसे ठंड महसूस होती है
  • रोगी धीरे धीरे बेहोश होने लगता है
  • यदि रोगी की नारी देखी जाए तो वह तेज और कमजोर महसूस होती है
  • रोगी का रक्तचाप कम होने लगता है

डेंगू का उपचार (dengue ka upchar)

  • यदि रोगी को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका उपचार (dengue ka upchar) व देखभाल घर पर की जा सकती है| क्योंकि यह स्वयं ठीक होने वाला रोग है|
  • चिकित्सक की सलाह के अनुसार पेरासिटामोल की गोलिया शरबत लेकर बुखार को कम रखें
  • रोगी को डिस्प्रिन एस्प्रिन कभी ना दे
  • यदि बुखार 102 डिग्री F से अधिक है तो बुखार को कम करने के लिए हाइड्रोथेरेपी करें
  • सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें बुखार की स्थिति में शरीर को और अधिक भोजन की आवश्यकता होती है
  • रोगी को आराम करने दे

यदि रोगी में डेंगू हेमोरेजिक बुखार या डेंगू शॉक सिंड्रोम की ओर संकेत करने वाला एक भी लक्षण प्रकट होता नजर आए| तो शीघ्र अति शीघ्र रोगी को निकटतम अस्पताल में ले जाएं ताकि वहां आवश्यक परीक्षण करके रोग का सही निदान किया जा सके और आवश्यक उपचार शुरू किया जा सके|

जैसे कि द्रव्य प्लेटलेटेस्ट कोशिकाओं को नस से चढ़ाया जाना| प्लेटलेट्स एक प्रकार की रक्त कोशिकाएं होती है जो हेमोरेजिक बुखार तथा डेंगू शॉक सिंड्रोम कम में हो जाती है|

यह भी याद रखने योग्य बात है कि डेंगू बुखार के प्रत्येक रोगी की प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है|

डेंगू की और रोकथाम के उपाय (dengue ke roktham ke upay)

  • अपने घर में और उसके आसपास पानी एकत्रित न होने दें
  • पानी की टंकियों तथा बर्तन को सही तरीके से ढक कर रखें ताकि मच्छर उसमें प्रवेश न कर सके और प्रजनन ना कर पाए
  • यदि रूम कूलर तथा पानी की टंकियों को पूरी तरह खाली करना संभव नहीं है| तो उनमें सप्ताह में एक बार पेट्रोल या मिट्टी का तेल डाल दे| प्रति 100 लीटर पानी के लिए 30 मिलीलीटर पेट्रोल या मिट्टी का तेल पर्याप्त है|
  • पानी के स्त्रोतों में कुछ छोटी किस्म की मछलियां भी डाल सकते हैं यह मछलियां पानी में पनप रहे मच्छर और उनके अंडों को खा जाती है
  • यदि संभव हो तो खिड़कियों व दरवाजों पर बारीक जाली लगाकर मच्छरों को घर में आने से रोके
  • मच्छरों को भगाने वह मारने के लिए मच्छर नाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स , कॉइल्स आदि प्रयोग करें|
  • गूगल के धुए से मच्छर गाना भागना एक बहुत अच्छा घरेलू उपाय है
  • रात में मच्छरदानी के प्रयोग से भी मच्छरों के काटने से बचा जा सकता है
  • सिनेट्रोला तेल भी मच्छरों को भगाने में काफी प्रभावी है
  • ऐसे कपड़े पहनना ताकि शरीर का अधिक से अधिक भाग ढका रह सके
  • फ्रिज के नीचे रखी हुई पानी इकट्ठा करने वाली ट्रे को भी प्रतिदिन खाली कर दें
  • अपने घर के आसपास के क्षेत्र में सफाई रखें| कूड़ा करकट इधर उधर ना फेंके घर के आस-पास जंगली घास व झाड़ियां आदि ना उगने दें|

यदि आपको कभी भी ऐसा लगे कि आपके क्षेत्र में बहुत जल्दी ऐसे बुखार से पीड़ित है जो डेंगू हो सकते हैं तो जल्दी से स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी सूचना दें ऐसा करने से डेंगू बुखार को महामारी का रूप धारण करने से पहले ही आवश्यक कदम उठाकर नियंत्रित किया जा सकता है|

References:

1. National Health Portal Of India

2. AIIMS

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